Tuesday 5 April, 2011

आज़ादी की दूसरी लड़ाई

भ्रष्टाचार के खिलाफ जन युद्ध छिड़ चुका है. अन्ना हजारे जी ने इसे "आज़ादी की दूसरी लड़ाई" कहा है और आज से उनका आमरण अनशन जंतर मंतर में शुरू हो चुका है. INDIA AGAINST CORRUPTION के बैनर तले कई प्रसिद्ध समाज सेवक एकत्रित हुए हैं , जिनमे योगगुरु बाबा स्वामी रामदेव, श्री श्री रविशंकर, स्वामी अग्निवेश, अन्ना हजारे, किरण बेदी, RTI के प्रणेता अरविन्द केजरीवाल, सीबीआई के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक बी.आर.लाल, जस्टिस संतोष हेगड़े, जे.ऍम.लिंगदोह समेत कई और समाजसेवी शामिल हैं.ये लोग केवल सरकार को कोस नहीं रहे हैं , अपितु भ्रष्टाचार को दूर करने के उपाय भी दे रहे हैं. इनके द्वारा सुझाया गया जन लोकपाल बिल भ्रष्टाचार की जांच करने वाले तंत्र में आमूल चूल परिवर्तन की बात कहता है. जन लोकपाल बिल जनता के लिए जनता द्वारा बनाया गया बिल है.इसी बिल को हकीकत में बदलने के लिए अन्ना जी आज से अनशन में बैठे हैं.
सरकार द्वारा बनाया गया लोकपाल बिल छलावा है, ये आपको जन लोकपाल बिल को पढने के बाद पता लग जायेगा. कोई भी राजनीतिक दल इस बिल को लाने की इच्छाशक्ति नहीं रखता है, ये भी जगजाहिर है. परन्तु महाराष्ट्र में दो वर्ष पूर्व ही सूचना का अधिकार कानून लाने को सरकार को मजबूर करने वाले अन्ना हजारे  (२००३ में,जबकि देश में २००५ में लागू हुआ), योग गुरु स्वामी रामदेव , किरण बेदी, अग्निवेश जी आदि को उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वाश है की वे इस बिल को कानून बना कर रहेंगे तथा उसके बाद भ्रष्टाचारियों के लिए कड़ी सजा  के लिए भी कानून लायेंगे.
अब समय नहीं है ड्राईंग रूम में बैठकर सरकार और भ्रष्टाचार को कोसने का, अगर आप भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं तो जुड़ जाइए इस जनयुद्ध में , किसी भी तरह ,जो भी आप कर सकते हैं. अगर आप सोचते हैं क़ि " कुछ भी कर लो भ्रष्टाचार दूर नहीं हो सकता", तो जरा हांगकांग की हिस्ट्री पढ़िए.सत्तर के दशक में भ्रष्टाचार से त्रस्त हांगकांग में जनता के भारी दबाव के कारण ICAC (Independent Commission Against Corruption ) का गठन हुआ और आज हांगकांग दुनिया के सबसे ईमानदार देशों में शुमार है.मुझे तो लगता है जन युद्ध का आगाज हो चुका है , अभी काफी लम्बी लड़ाई चलेगी क्योंकि राह इतनी आसान नहीं है, परन्तु विजय तो सच की ही होनी है.


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1 comment:

  1. अन्ना हजारे जी के इस आंदोलन को भष्टाचार से आजिज आ चुकी भारतीय जनता द्वारा व्यापक रूप से समर्थन दिया जा रहा है| जिस आंदोलन में अन्ना हजारे, किरण बेदी जैसे जनसेवक सम्मिलित हो और उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त हो उस आंदोलन के सफल होने की आशा बढ़ जाती है|
    आज जिस प्रकार से अन्ना हजारे के समर्थकों नें राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के आदी राजनेताओं को मंच तक पहुँचने से रोका है उससे इस आंदोलन के सफल होने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं|

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