जगदीश |
मेरे मित्र जगदीश कैड़ा या हमारे जिंदादिल जग्गी ने कभी मुझे ये गाना सुनाया था. कुछ माह में जगदीश कैड़ा से लेफ्टिनेंट जगदीश कैड़ा बनने वाले जग्गी उन दिनों प्रायः यह गाना सुना करते थे. जिसके पीछे कुछ सर्वविदित रहस्य थे. कालांतर में जग्गी के अधिकतर जतन फलीभूत हुए और मैं प्रार्थना करता हूं कि उनके शेष जतन भी फलीभूत हों.
मेरे पसंदीदा गायकों में शुमार कैलाश खेर अपने गीतों के बोल भी खुद लिखते हैं. उनके अधिकतर गीतों के बोल स्त्रीलिंग में होते हैं,परन्तु ये गीत चंद अपवादों में से एक है. तो पेश है कैलाश खेर कि एल्बम "चांदन में" का यह गाना
कर कर मैं हारा हर जतन (सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें)
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